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-फ़िरदौस ख़ान
हवस…एक ऐसी आग है, जो इंसान को जानवर बना देती है. हवस में अंधे होकर लोग सामाजिक मान-मर्यादा तक को भूल जाते हैं. वे मां-बेटे और और भाई-बहन जैसे पाक रिश्तों को भी कलंकित कर देते हैं. ऐसे संबंधों में उनको तसल्ली रहती है कि कोई उन पर शक नहीं करेगा. दरअसल ‘आधुनिकता’ के नाम पर भी नाजायज़ रिश्तों का चलन बढ़ा है. ऐसे मामलों में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं. कुछ साल पहले एक न्यूज़ चैनल ने एक स्टिंग ऑपरेशन दिखाया था, जिसमें महिलाएं अपनी बेटों की उम्र के लड़कों से ‘सौदा’ करती हैं. पुरुष वेश्या का किरदार निभा रहे एक रिपोर्टर ने जब महिला से उसके परिवार के बारे में पूछा तो महिला बताती है कि उसका पति है, जवान बच्चे हैं, जो जॉब करते हैं.रिपोर्टर ने जब महिला से पूछा कि पति के रहते उसे लड़का क्यों चाहिए? तो महिला का जवाब था-‘टेस्ट’ बदलने के लिए. यह है हमारे समाज का बदलता घिनौना (या यूं कहें कि तथाकथित आधुनिक चेहरा.
पिछले साल उत्तर प्रदेश की एक लड़की का विवाह उत्तराखंड के एक लड़के के साथ हुआ. विवाह के कुछ दिन बाद ख़बर मिली कि उस लड़की की मौत हो गई है. वजह, जिस लड़के के साथ उस लड़की की शादी हुई थी, उस लड़के के अपनी मां की उम्र की एक “आंटी” के साथ नाजायज़ ताल्लुक़ात थे… ‘आंटी’ के कहने पर लड़के ने अपनी पत्नी को ज़हर देकर मार डाला. ‘आंटी’ के बच्चे भी उस लड़के की उम्र के ही हैं. अपनी एक पूरी ज़िन्दगी जी चुकी ‘महिला’ ने अपनी हवस पूरी करने के लिए एक लड़की की सुहाग सेज को उसकी मौत की शय्या बना डाला. जिस लड़की के हाथों की मेहंदी अभी सूखी भी नहीं थी. वो क़ब्र की गहराइयों में दफ़न हो गई. न जाने कितने अरमानों को अपने साथ लिए. उस लड़के के साथ अपनी ज़िन्दगी को तसव्वुर करके उसने कितने इंद्रधनुषी सपने बुने होंगे. जो अब कभी पूरे नहीं होंगे. बेटी के सदमे से लड़की की मां का का बुरा हाल था. वो किसी को पहचान तक नहीं पा रही थीं. लड़की का पिता अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा था. लड़की की छोटी बहन का भी रो-रोकर बुरा हाल था.
पुलिस थानों में हर रोज़ ऐसे न जाने कितने मामले आते हैं, जिन्हें अकसर दहेज प्रताड़ना का मामला कहकर पेश किया जाता है. कुछ साल पहले हरियाणा में एक महिला ने पहले अपने ‘साथियों’ के साथ मिलकर अपने पति की हत्या की. फिर बाद में अपने एक ‘साथी’ की पत्नी को जलाकर मार डाला. जब महिला की जवान बेटी ने मां का विरोध करना शुरू किया तो उसे भी ज़हर पिलाकर मौत की नींद सुला दिया. कुछ वक़्त पहले एक एक युवक ने अपनी मां की उम्र की महिला से अवैध संबंध के चलते अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों को जलाकर मौत की नींद सुला दिया. ऐसे कितने ही मामले मिल जाएंगे. कुछ लोगों की हवस कितनी ही ख़ुशहाल ज़िन्दगियों को निग़ल जाती है.
क़ानून किसी को उसके जुर्म की सज़ा तो दे सकता है, लेकिन किसी का चरित्र नहीं बदल सकता. यह तो अपने-अपने संस्कारों की बात होती है. इंसान के जैसे संस्कार होंगे, वो भी वैसा ही बनेगा. अच्छे संस्कार एक मां ही देती है. एक अच्छी बेटी ही एक अच्छी पत्नी साबित होती है…और एक अच्छी पत्नी ही एक अच्छी मां बनती है, .लेकिन जो महिला ख़ुद ही किसी मासूम के क़त्ल की वजह हो, उसने अपने बच्चों को क्या संस्कार दिए होंगे कहने की ज़रूरत नहीं.
वो कहानी तो सुनी होगी, जिसमें राजकुमारी अपने राज्य में मेहमान के तौर पर आए राजकुमार के से साथ भाज जाना चाहती है. राजकुमार घोड़ा ख़रीदने जाता है. घोड़े वाले उसे घोड़े दिखाते हुए तेज़ दौड़ने वाली घोड़ी की क़ीमत बहुत कम बताता है. राजकुमार जब इसकी वजह पूछता है तो घोड़े वाला कहता है कि यह पानी देखकर रुक जाती है. इसी तरह इसकी मां और नानी भी पानी देखकर रुक जाया करती थी. यह सुनकर राजकुमार सोचता है कि आज राजकुमारी अपने पिता की गरिमा को धूल में मिलाकर मेरे साथ भाग जाना चाहती है. कल इसकी बेटी भी ऐसा ही करेगी. यह ख़्याल आते ही राजकुमार वापस अपने देश लौट जाता है.
उस महिला के शौहर और बच्चों पर क्या गुज़रती होगी ? तसव्वुर करके ही रूह कांप जाती है. क़ाबिले-गौर यह भी है कि यह सब “प्रेम-प्यार” के नाम पर होता है. जबकि ऐसे लोग प्रेम का मतलब तक नहीं जानते. ‘वासना’ को ‘प्रेम’ के आवरण से छुपाया नहीं जा सकता. प्यार तो राह दिखाता है, भटकाता नहीं है. मीडिया के लोग बख़ूबी जानते हैं कि हर रोज़ कितने ऐसे मामले आते हैं. यह मामले भी उस वक़्त सामने आते हैं, जब किसी न किसी का क़त्ल हो जाता है.
नाजायज़ रिश्तों को लेकर भारतीय समाज में पुरुषों पर तो सब अंगुलियां उठा देते हैं, मगर हवस की भूखी महिलाओं का क्या? जिस देश में ‘सीता-सावित्री’ जैसी देवियां हुई हैं, उस देश में ऐसी महिलाओं की भी कमी नहीं जो अपने बेटे की उम्र के लड़कों के साथ अवैध संबंध रखती हैं .बेशर्मी की हद तो यह कि उन लड़कों से कहती हैं कि उनके लिए ‘करवा चौथ’ का व्रत रखा है .कभी सावित्री ने यह नहीं सोचा होगा कि इस ‘पवित्र व्रत’ के नाम पर इतना ‘अधर्म’ होगा?
कहते हैं-वेश्याएं भी मजबूरी में अपना जिस्म बेचती हैं, लेकिन ऐसी महिलाओं को क्या कहेंगे, जो अपनी हवस में अंधी होकर अपने बेटे की उम्र के लड़कों के साथ अवैध संबंध बनाती हैं?
हवस की भूखी जो महिला अपने बेटे की उम्र के लड़के के साथ नाजायज़ रिश्ता बनाती है, अगर वो अपने सगे बेटे से भी ऐसा रिश्ता बना ले तो हैरानी नहीं. ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जब महिलाओं ने अपने ही सगे बेटों के साथ यौन संबंध बनाकर इंसानियत को शर्मसार किया है. पिछले साल जुलाई में अमेरिका के मिशिगन शहर में एक 36 वर्षीय महिला ने मां-बेटे के रिश्ते की सारी मर्यादा तोड़ते हुए अपने ही 14 साल बेटे के साथ यौन संबंध स्थापित किया. ये वो महिला है, जिसने अपने इसी बच्चे को दूसरों की झोली में डालने के प्रयास किए थे. अमेरिका की एक अदालत में जब एमी एल स्वॉर्ड नाम की इस महिला को पेश किया गया तो उसने अपना जुर्म स्वीकार किया. उसके वकील ने कोर्ट में कहा, कि जब दो साल पहले जब उसका बेटा 14 साल का था, वे अपने बेटे के संपर्क में आई तो उसे मां-बेटे के बजाय गर्लफ्रेंड-ब्वॉयफ्रेंड जैसा रिश्ता महसूस हुआ. आवेश में आकर उसने यौन संबंध स्थापित किए. यह घटना ग्रांड रैपिड होटल की है. उसके बाद कई बार घर पर भी उसने संबंध स्थापित किए. अदालत ने सभी दलीलें सुनते हुए इसे यौन उत्पीड़न का मामला क़रार देते हुए एमी को 30 साल की सज़ा सुनाई है. एमी शादीशुदा है और पांच बच्चों की मां भी है. इस बात का पता तब चला जब काउंसलर ने उसके बेटे से पूछताछ की.
पिछले साल अक्टूबर में सिडनी की एक अदालत में भी एक ऐसा ही शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया, जिसमें एक दंपत्ति पर साल 2009 में जनवरी से नवंबर के बीच में अपने बेटे यौन शोषण करने के आरोप लगे. दंपति पर बेटे से यौन संबंध का वीडियो बनाकर ऑनलाइन करने का भी आरोप लगा. अदालत में सुनवाई के दौरान 47 वर्षीय आस्ट्रेलियाई महिला और 57 वर्षीय उसके पति ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने बेटे के साथ यौन संबंध स्थापित किए हैं.
नाजायज़ रिश्ते कई ज़िन्दगियों की खुशियों को लील जाते हैं. सवाल यह भी है कि जो महिला अपने पति और बच्चों की न हुई तो उस लड़के कि क्या होगी.? जिस महिला को अपनी और अपने परिवार की मान-मर्यादा का ख़्याल नहीं तो वह किसी और की इज्ज़त का क्या ख़्याल करेगी?
नाजायज़ रिश्ते समाज के लिए नासूर हैं. जब तक ऐसे संबंध रहेंगे मासूमों की ज़िंदगियां, उनकी खुशियां तबाह होती रहेंगी. नाजायज़ रिश्तों की शुरुआत भले ही आकर्षण से हो, लेकिन इनका अंजाम बहुत ही घृणित होता है.
आओ दुआ करें कि ईश्वर हमारी बहन-बेटियों को, उनकी ज़िन्दगी को हवस के दरिन्दों (महिला हो या पुरुष) से बचाकर रखे… आमीन
* नोट : पिछले साल 26 नवंबर को लिखी गई थी…
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